प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर अधिकृत व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे व्यवसायों, उद्यमियों और लघु उद्योगों को आरंभ करने में सहायता प्रदान करना है।
यह योजना 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई थी। यह वित्तीय संस्थाओं द्वारा कर्ज द्वारा नहीं प्रदान किया जाता है, बल्कि यह सरकारी बैंकों, निजी बैंकों और माइक्रो फाइनेंस निगमों के माध्यम से किया जाता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत तीन प्रमुख कर्ज उपलब्ध हैं:
1. शिशु (अपने व्यवसाय की शुरुआत करने वाले उद्यमियों के लिए) - इसमें 50,000 रुपये तक का कर्ज प्रदान किया जाता है।
2. किशोर (मध्यम आकार के व्यापारों के लिए) - इसमें 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का कर्ज प्रदान किया जाता है।
3. तरुण (बड़े आकार के व्यापारों के लिए) - इसमें 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का कर्ज प्रदान किया जाता है।
मुद्रा योजना के तहत कर्ज प्राप्त करने के लिए आवेदक को किसी भी आधिकारिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती है और केवल उद्यमी की आवश्यकता एवं अधिकृत बैंक द्वारा निर्धारित मुद्रा योग्यता पूरी करनी होती है।
इस योजना के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सहायताएं इंटरेस्ट रेट, लोन की अवधि और कर्ज के लिए उपलब्ध कार्यकाल के साथ निर्धारित की जाती हैं। इसके अलावा, योजना में स्वावलंबन की प्रोत्साहन देने के लिए बैंकों द्वारा शिक्षा, प्रशिक्षण, औद्योगिक प्रशिक्षण आदि की सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने में मदद की है और उन्हें समृद्धि की ओर अग्रसर करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।