नमस्कार मित्रों आज का यह ब्लॉग बाल दिवस पर विशेष रूप से माता पिता के लिए लिखा गया है जो अपने बच्चों का विकास चाहते हैं आज सभी माता-पिता बड़े बुजुर्ग अपने बच्चों को या शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कुछ उपहार देना चाहते होंगे किंतु आपने कभी सोचा है कि बच्चे वाकई उपहार के शौकीन है या कुछ और वे आपसे चाहते हैं ।
वर्तमान परिस्थितियों में ऐसा होता है कि माता पिता बचपन से अपने बच्चों को बड़ा आदमी बनाने की सोचते हैं और इसके लिए वह अपने बच्चे में वे सारी नकारात्मकता डाल देते हैं जैसे कि अगर यह नहीं बने तो यह होगा जवानी में यह दिक्कतें होगी और आदि कुछ भी और उनके सपनों को उस तरफ मोड़ दिया जाता है जो माता-पिता चाहते हैं | क्या कभी आपने बच्चों से पूछा है वह क्या बनना चाहते हैं, या वे केसा जीवन चाहते हैं आप अपने बच्चों से पेरेंट्स की भांति नहीं बल्कि मित्र की भांति व्यवहार कीजिए | उन्हें उनके लक्ष्य पूरे करने में मदद कीजिए उनके लक्ष्य के सही व गलत पहलू को उनके सामने रखकर आप माता पिता की भूमिका उचित ढंग से निभा सकते हैं ,किंतु उनके लक्ष्य से उन्हें परे रखकर उन्हें दूसरे लक्ष्य के प्रति समर्पित करना अप्रासंगिक होगा । आज बाल दिवस विशेष पर अपने बच्चों को उपहार के रूप में एक मित्र दीजिए व स्वयं उनके मित्र बनकर उनसे व्यवहार कीजिए उनकी मन की बातों को जानिए | बेहतर होगा आप उनके भविष्य की मजबूत नींव खड़ी कर सके | कोई बच्चा यदि कलाकार या क्रिकेटर या राजनेता बनना चाहता है तो उसे बनने दीजिए जरूरी नहीं हर बच्चा पुलिस या कलेक्टर बने । यदि आप उनके लक्ष्य को मोड भी देंगे तो हो सकता है इसका दुष्प्रभाव बच्चों पर ही पड़े और वह मानसिक दबाव में अपने लक्ष्य को हासिल करें जिसमें वे लक्ष्य को हासिल तो कर सकेंगे किंतु यदि वह अपने काम में खुश नहीं है तो उनका जीवन ,उनकी मेहनत सब व्यर्थ है ।
शायद यह पूरा लेख आपने पढ़ा हो तो आप समझ चुके होंगे कि बच्चों से उनके बचपन में एक मित्र की तरह व्यवहार करें और उनके भविष्य की नींव मजबूत करें ।
वर्तमान परिस्थितियों में ऐसा होता है कि माता पिता बचपन से अपने बच्चों को बड़ा आदमी बनाने की सोचते हैं और इसके लिए वह अपने बच्चे में वे सारी नकारात्मकता डाल देते हैं जैसे कि अगर यह नहीं बने तो यह होगा जवानी में यह दिक्कतें होगी और आदि कुछ भी और उनके सपनों को उस तरफ मोड़ दिया जाता है जो माता-पिता चाहते हैं | क्या कभी आपने बच्चों से पूछा है वह क्या बनना चाहते हैं, या वे केसा जीवन चाहते हैं आप अपने बच्चों से पेरेंट्स की भांति नहीं बल्कि मित्र की भांति व्यवहार कीजिए | उन्हें उनके लक्ष्य पूरे करने में मदद कीजिए उनके लक्ष्य के सही व गलत पहलू को उनके सामने रखकर आप माता पिता की भूमिका उचित ढंग से निभा सकते हैं ,किंतु उनके लक्ष्य से उन्हें परे रखकर उन्हें दूसरे लक्ष्य के प्रति समर्पित करना अप्रासंगिक होगा । आज बाल दिवस विशेष पर अपने बच्चों को उपहार के रूप में एक मित्र दीजिए व स्वयं उनके मित्र बनकर उनसे व्यवहार कीजिए उनकी मन की बातों को जानिए | बेहतर होगा आप उनके भविष्य की मजबूत नींव खड़ी कर सके | कोई बच्चा यदि कलाकार या क्रिकेटर या राजनेता बनना चाहता है तो उसे बनने दीजिए जरूरी नहीं हर बच्चा पुलिस या कलेक्टर बने । यदि आप उनके लक्ष्य को मोड भी देंगे तो हो सकता है इसका दुष्प्रभाव बच्चों पर ही पड़े और वह मानसिक दबाव में अपने लक्ष्य को हासिल करें जिसमें वे लक्ष्य को हासिल तो कर सकेंगे किंतु यदि वह अपने काम में खुश नहीं है तो उनका जीवन ,उनकी मेहनत सब व्यर्थ है ।
शायद यह पूरा लेख आपने पढ़ा हो तो आप समझ चुके होंगे कि बच्चों से उनके बचपन में एक मित्र की तरह व्यवहार करें और उनके भविष्य की नींव मजबूत करें ।
धन्यवाद@anandpanchal