मध्य प्रदेश में पंचायती राज । सम्पूर्ण जानकारी विशेष तथ्यों सहित ।

मध्य प्रदेश में पंचायती राज

मध्य प्रदेश का पंचायती राज अत्यंत प्राचीन है देश की तरह प्रदेश में भी प्राचीन में पंचायत को ग्रामीण या ग्रामीणी कहा जाता था यह प्रशासन की सबसे छोटी इकाई है।

दक्षिण में चोल राजाओं के समय ग्राम में पंचायतें महत्वपूर्ण थी उन्हें कर वसूलने खर्च करने और पुलिस व्यवस्था बनाए रखने का अधिकार था ‌।

यहां की प्रशासनिक इकाई को नाडु ,वलनाडु और मंडल कहा जाता था ।
मौर्यकाल में मेगास्थनीज ने इंडिका में नगरीय प्रशासन पर प्रकाश डाला था ।

अंग्रेजों के शासनकाल में 1687 में पहली बार मद्रास में नगरीय प्रशासन स्थापित किया गया इसलिए रिपन को नगरी प्रशासन का जनक कहा जाता है ।

स्वतंत्रता के पश्चात 1952 में अमेरिका के सहयोग से सामुदायिक विकास कार्यक्रम  प्रारंभ किया गया।

गांधी जी का ऐसा मानना था कि स्वशासन नीचे से आना चाहिए तभी रामराज साकार होगा इसलिए नेहरु जी ने 1957 में बलवंत राय मेहता (बी.आर.मेहता) की अध्यक्षता में ग्राम उद्धार समिति का गठन किया जिसने अपनी सिफारिश में त्रिस्तरीय पंचायती राज स्थापित करने को स्वीकार किया, जो कि ग्राम पंचायत ,जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत के रूप में कार्य किया ।

1 अप्रैल 1958 को राष्ट्रीय विकास परिषद की सिफारिश के बाद यह पंचायती राज लागू हुआ तत्पश्चात सर्वप्रथम राजस्थान विधानसभा में कानून बनाकर इसे लागू किया गया ।

अंतः 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी ग्राम में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज की शुरुआत की तथा इसके बाद आंध्रप्रदेश इसे लागू करने वाला दूसरा राज्य बना । 

मध्यप्रदेश में 1962 में पंचायती राज अधिनियम बनाया गया तथा इसे 23 जुलाई 1962 को लागू किया गया तथा इस अधिनियम के तहत त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था स्थापित की गई ।

22 दिसंबर 1992 को 73 वा संविधान संशोधन लोकसभा में तथा 23 दिसंबर 1992 को राज्यसभा में पारित हुआ तत्पश्चात 24 अप्रैल 1993 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के पश्चात यह नवीन पंचायती राज अधिनियम 1993 के रूप में अधिनियमित किया गया ।

इस अधिनियम के पश्चात मध्यप्रदेश में दसवीं विधानसभा में 30 दिसंबर 1993 को मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1993 प्रस्तुत किया गया तथा पारित भी कर दिया गया एवं 24 जनवरी 1994 को राज्यपाल के हस्ताक्षर के पश्चात 25 जनवरी 1994 को संपूर्ण मध्यप्रदेश में नवीन पंचायती राज अधिनियम लागू कर दिया गया । जिससे चुनाव का मार्ग प्रशस्त हुआ तत्पश्चात 15 अप्रैल 1994 को पंचायतों के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई।

मध्यप्रदेश में नवीन पंचायती राज लागू होने के समय मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तथा प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव थे।

मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बना जिसने नवीन पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष 25 जनवरी को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।


इन्हें भी पढ़ें 

मध्यप्रदेश से सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए जुड़िये हमसे






मध्य प्रदेश से जुड़ी ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग पेज को फॉलो करें तथा हमारे टेलीग्राम चैनल को ऊपर  दी गई लिंक द्वारा जरूर ज्वाइन करें । प्रतिदिन मुख्य परीक्षा के  उत्तर लेखन के लिए हमारे चैनल टेलीग्राम पर जुड़िए तथा हमारे साथ मिलकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का सपना पूरा करें ‌।


मध्यप्रदेश सम्बन्धी अन्य महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए निचे दी गई लिंक पर क्लिक करें 









नमस्कार साथियों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे टिपण्णी के माध्यम से अवश्य बताये यह विशेष पाठ्यक्रम अपने साथियों के साथ भी अवश्य साझा करें और प्रतिदिन मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग से जुड़ीं जानकारी पाने के लिए और अपने ज्ञान के माध्यम से अपने लक्ष्य को एक नयी दिशा देने के लिए इस वेबसाइट से जुड़े रहें 



Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form