खजुराहों के बारे में सम्पूर्ण तथ्यात्मक जानकारी |

खजुराहो :-

➤मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित यह मंदिर विश्व धरोहर सूची में शामिल है, जिन्हें कामुक कला की मूर्तियों की प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है ।
➤इन मूर्तियों का निर्माण नगारा वास्तुकला द्वारा हुआ है पूर्व में यह मंदिर खजूर वाहक के नाम से जाना जाता था।
➤इन मंदिरों की तामीर चंदेल राजा धंग ने रखी थी।
➤इनकी प्रारंभिक संख्या 85 थी जो घटकर वर्तमान में लगभग 24 रह गई है ।

दर्शनीय स्थल :- 


पश्चिमी समूह :-  कंदरिया महादेव , 64 योगिनी , चित्रगुप्त , विश्वनाथ मंदिर , लक्ष्मण मंदिर तथा मातंगेश्वर मंदिर

पूर्वी समूह :- पार्श्वनाथ मंदिर , घंटाई मंदिर , आदिनाथ मंदिर ।

दक्षिण समूह:- दूल्हा देव मंदिर तथा चतुर्भुज मंदिर आदि।

➤इन मंदिरों के अभिलेखों को कुछ तथ्य मिले हैं जिससे पता चलता है कि मंदिरों का निर्माण पूरा 970 1030 ईसा पूर्व में हुआ था  ।

➤पारसी इतिहास अलबरूनी के अनुसार महमूद गजनवी ने 1022 ईसा पूर्व में कालिंजर (खजुराहो) जेजाक भूक्ती की राजधानी पर आक्रमण किया था जो असफल रहा ।

➤यहां पर बनाए गए मंदिरों में हिंदू धर्म के चारों पुरुषार्थ धर्म , अर्थ , काम , मोक्ष एक साथ दिखाई देते हैं ।

➤सन 1986 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में इसे शामिल किया गया जो कि मध्य प्रदेश का प्रथम यूनेस्को द्वारा संरक्षित स्थल है भारत के पर्यटन में खजुराहो का तीसरा स्थान है।





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