मध्य प्रदेश का इतिहास और संस्कृति । PSC MAHOL

 मध्य प्रदेश का इतिहास और संस्कृति


🌀मध्य प्रदेश, भारत का महत्वपूर्ण राज्य है जो उत्तरी भारतीय मेंढ़ा और दक्षिणी भारतीय मेकड़ा के मध्य में स्थित है। इसका इतिहास बहुत ही समृद्ध और गर्वभरा है। मध्य प्रदेश का इतिहास विभिन्न युगों में विभिन्न संस्कृतियों, साम्राज्यों और आंदोलनों के विकास की गवाही देता है। इस लेख में, हम मध्य प्रदेश के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलूओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।



प्राचीनकाल

🌀मध्य प्रदेश का इतिहास प्राचीनकाल से आरंभ होता है। इस क्षेत्र में हरप्पा सभ्यता, वैदिक सभ्यता और मौर्य साम्राज्य की प्रमुख विकास घटनाएं हुईं। मध्य प्रदेश में स्थित भारहुत, सांची, उज्जैन, मंडलेश्वर, एक्काटना, चंद्रभागा, खजुराहो, ग्वालियर, बांदवगढ़ आदि प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल हैं। यहां के मंदिर, स्तूप, विहार, गुफाएं, प्राचीन विशालकाय स्तूप एवं अन्य संग्रहालयों ने मध्य प्रदेश को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बना दिया है। 


मध्यकालीनकाल

🌀मध्य प्रदेश के मध्यकालीनकाल के दौरान यह क्षेत्र कई शासकों और साम्राज्यों के अधीन था। मुग़ल साम्राज्य का स्थानीय प्रभाव इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण था। इसके बाद मराठों, परमारों, मालवा सुल्तानात, बुंदेलखंड, ग्वालियर रियासत, और जबलपुर गढ़ की स्थापना हुई। मध्य प्रदेश का भूगोलिक स्थान और अर्थव्यवस्था इसको मध्य भारतीय संस्कृति और तथ्यों के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।


मध्य प्रदेश के नवीनकाल

🌀ब्रिटिश शासनकाल के बाद, मध्य प्रदेश ब्रिटिश भारतीय सम्राटों के अधीन आया। 1956 में भारत के राष्ट्रीय एकीकरण के बाद, मध्य प्रदेश को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में गठित किया गया। इसके बाद के दशकों में आर्थिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में मध्य प्रदेश महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है। 


मध्य प्रदेश की संस्कृति

🌀मध्य प्रदेश की संस्कृति विविधताओं, जैन और बौद्ध संगठनों, लोक नृत्य, वाद्य और कला प्रदर्शनों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो मंदिरों की शिल्पकारी, ग्वालियर घरानों के मौसीकी और छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य (पंडवानी, रौफ, तिमांबर) जैसे प्रमुख आदान-प्रदान क्षेत्र में मध्य प्रदेश की संस्कृति को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है।


सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन

🌀मध्य प्रदेश ने स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। सबरमती सत्याग्रह, नर्मदा आंदोलन, भूमि संपादन आंदोलन, अंतरंग आंदोलन, भाषा आंदोलन, भारत चोड़ो आंदोलन, आदि मध्य प्रदेश में प्रमुख आंदोलन हैं। इन आंदोलनों ने राजनीतिक और सामाजिक बदलाव के साथ ही मध्य प्रदेश की अलगाववादी और सामाजिक संरचना की नींव रखी है।


समापन

🌀मध्य प्रदेश का इतिहास और संस्कृति एक महत्वपूर्ण विषय है जो इस क्षेत्र के विकास, सांस्कृतिक विरासत और भूगोलिक समृद्धि की पहचान बनाता है। यह राज्य एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी है जिसमें हर युग ने अपना प्रभाव छोड़ा है। मध्य प्रदेश की संस्कृति, कला, और ऐतिहासिक धरोहर विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण मान्यता प्राप्त की है और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दिया है।


🌀इस प्रकार, मध्य प्रदेश का इतिहास और संस्कृति समृद्ध, गहरा और गर्व करने योग्य है। इसकी संस्कृति ने हमारी धरोहर को मानवता के साथ जोड़ा है और इसके इतिहास ने हमें हमारी पूर्वजों के अद्भुत योगदानों के प्रति आभार प्रकट करने का मौका दिया है। मध्य प्रदेश के इतिहास और संस्कृति का अध्ययन करने से हमें इस राज्य की सांस्कृतिक विरासत को समझने का मौका मिलता है और हमारे भारतीय भूगोल के साथ संबंधित ज्ञान को विस्तृत करता है।


मध्य प्रदेश का इतिहास और संस्कृति


🌀मध्य प्रदेश भारतीय उपमहाद्वीप का मध्यवर्ती राज्य है और इसका इतिहास वैष्णव, शैव, जैन, बौद्ध और इस्लामी संस्कृति के आदान-प्रदान का साक्षात्कार कराता है। मध्य प्रदेश का इतिहास अत्यंत प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक दिलचस्प और महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा हुआ है। इस लेख में, हम मध्य प्रदेश के इतिहास और संस्कृति के मुख्य पहलुओं को संक्षेप में वर्णित करेंगे।



प्राचीन काल


🌀मध्य प्रदेश के प्राचीन काल की गतिविधियों और सभ्यता को गुप्तकाल, मौर्यकाल, गुर्जर-प्रतिहार काल, राजपूत युग, दिल्ली सल्तनत और मुघलकाल के समय मिली धरोहरों से ज्ञात किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, खजुराहो और भिंड के मंदिर गुप्तकाल की शिल्पकारी कार्यशैली को प्रदर्शित करते हैं, जबकि उज्जैन गुर्जर-प्रतिहार काल की महत्वपूर्ण नगरी थी। मध्य प्रदेश में स्थित उन्नाव, सागर और रैसेन किलें दिल्ली सल्तनत और मुघलकाल की साक्ष्यात्मक गतिविधियों को दर्शाती हैं।


🌀बुंदेलखंड क्षेत्र में चंदेल राजवंश का प्रमुख राजधानी खजुराहो थी। चंदेलों के द्वारा निर्मित खजुराहो मंदिर विश्वविख्यात हैं और इन्हें मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया जाता है।


मुग़लकाल


🌀मुग़लकाल में, मध्य प्रदेश अकबर, जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब के शासनादेश के अधीन था। ग्वालियर किला और जहाज महल मुग़लकाल के महत्वपूर्ण धरोहर हैं जो इस समय की विरासत को दर्शाते हैं।


ब्रिटिश शासन काल


🌀18वीं और 19वीं सदी में, मध्य प्रदेश ब्रिटिश शासन के अधीन था। मध्य प्रदेश के छत्तीसगढ़, विंध्याचल और मालवा क्षेत्रों में संघर्षों और स्वतंत्रता आंदोलनों की घटनाएं घटीं। जौहर स्थल, ग्वालियर किला, अंदरमन का तालाब, और जबलपुर के भवानीताल कुछ प्रमुख धरोहर हैं जो इस काल की विरासत को दर्शाते हैं।


स्वतंत्रता संग्राम

🌀मध्य प्रदेश भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय अहम भूमिका निभाया। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, रवींद्र नाथ टैगोर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने मध्य प्रदेश में अपनी कार्रवाई की।


संस्कृति

🌀मध्य प्रदेश की संस्कृति विविधताओं से युक्त है और इसमें भारतीय, आदिवासी और मुग़लकालीन संस्कृति के प्रभाव दिखाई देते हैं। खादी, गंध और चीराचित वस्त्र उत्पादन, बांस से बनी चीजें, और आदिवासी गान-नृत्य विशेष रूप से मध्य प्रदेश की संस्कृति का हिस्सा हैं।


🌀संक्षेप में, मध्य प्रदेश का इतिहास और संस्कृति एक महत्वपूर्ण और रोचक विषय हैं। इसे समझने से हम मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समझ सकते हैं। इसका अध्ययन एमपीपीएससी परीक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे संबंधित सवाल उत्तर करने में मदद मिलेगी।

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