दोस्तों आप जानतें हो की समाज में नारी की क्या स्थिति है और उन्हें किस नजरियें से देखा जाता है और यदि आपके साथ समाज के विचार है और आप उन विचारों में उलझ कर रह गए हो तो आप यह तय नहीं कर सकते की मुझे किस राह पर जाना है |तो दोस्तों मुझे लगता है यह लेख आपके मार्गदर्शन के लिए बहुत सहायक सिद्ध होगा और हम कामना करते हैं की आप अपना लक्ष्य पाने में सफल हो|
➤लगता है कभी-कभी ऐसा की में इतना नही पड़ पाऊँगी,
फिर दूसरे ही पल पता लगता है कि मैं किसी दूसरे काम में भी इतनी दक्ष नही हूँ की यह काम छोड़ कर उसमें लग जाऊ।
वास्तविकता में मेरे पास पड़ने का ही ऑप्शन शेष बचता है।
अब जब कुछ और नही करना पड़ना ही है तो इसमें भी मेरे सामने कई कैरिअर ऑप्शन आते है जैसे डॉक्टर,नर्स,प्रोफेसर आदि ।
अगर बात यह है कि मैं इनमे से क्या चयन करूँगी तो बाहर निकल कर आएगा वो अधिकारी ही है जो बनना में पसंद करूँगी।
क्योंकि पड़ना तो सब में ही है वो चाहे कुछ भी हो।
और अब मेरे सामने ये बात आती है कि में अधिकारी क्यों बनना चाहती हूं तो वास्तविकता में यह जवाब मिलता है कि :-
1.पड़ना तो है मुझे अपनी जिंदगी को अपने अनुसार जीने के लिए ,इस जीवन को अच्छे से व्यतीत करने हेतु ।
2. पड़ना हर छेत्र में है तो क्यूँ न ऐसा कैरिअर चुनो जो मेरे जीवन को किसी दूसरे के जीवन में कही न कही मददगार बना दे और अपने जीवन से में किसी और के जीवन को सुधारने में काम आ पाऊ।
3. कर्म तो आवश्यक है तो क्यु न ऐसा काम किया जाएं जो कर्म के साथ साथ पुण्य भी हो।
ऐसे में एक अधिकारी बनना मेरे लिए उचित है।
इसके अतिरिक्त मेरे जीवन में मेरे लिए यह अनिवार्य है क्योंकि में कई लोगो की जिंदगी का भविष्य लिए हुए हूँ और उनमें से एक खुद मेरा भविष्य भी है।
मेरी कमजोरिया मुझे अच्छी हाउस वाइफ या रीजनल गर्ल नही बनने दे सकती ।मेरी दक्षता गृह्यकार्य और पढ़ाई को लेकर देखु तो पढ़ाई में ज्यादा अच्छी है।
अतः मुझे पड़ना है और एक अधिकारी बनना है हर हाल मैं.... और ये बनने की लिये मुझे जितना भी मेन्टल पैन ,फिजिकल पैन या कुछ भी और सहना पड़े में तैयार हूँ।
में यह कर सकती हूं मुझे खुद पर विश्वास है।।
में जरूर करूँगी।।
➤लगता है कभी-कभी ऐसा की में इतना नही पड़ पाऊँगी,
फिर दूसरे ही पल पता लगता है कि मैं किसी दूसरे काम में भी इतनी दक्ष नही हूँ की यह काम छोड़ कर उसमें लग जाऊ।
वास्तविकता में मेरे पास पड़ने का ही ऑप्शन शेष बचता है।
अब जब कुछ और नही करना पड़ना ही है तो इसमें भी मेरे सामने कई कैरिअर ऑप्शन आते है जैसे डॉक्टर,नर्स,प्रोफेसर आदि ।
अगर बात यह है कि मैं इनमे से क्या चयन करूँगी तो बाहर निकल कर आएगा वो अधिकारी ही है जो बनना में पसंद करूँगी।
क्योंकि पड़ना तो सब में ही है वो चाहे कुछ भी हो।
और अब मेरे सामने ये बात आती है कि में अधिकारी क्यों बनना चाहती हूं तो वास्तविकता में यह जवाब मिलता है कि :-
1.पड़ना तो है मुझे अपनी जिंदगी को अपने अनुसार जीने के लिए ,इस जीवन को अच्छे से व्यतीत करने हेतु ।
2. पड़ना हर छेत्र में है तो क्यूँ न ऐसा कैरिअर चुनो जो मेरे जीवन को किसी दूसरे के जीवन में कही न कही मददगार बना दे और अपने जीवन से में किसी और के जीवन को सुधारने में काम आ पाऊ।
3. कर्म तो आवश्यक है तो क्यु न ऐसा काम किया जाएं जो कर्म के साथ साथ पुण्य भी हो।
ऐसे में एक अधिकारी बनना मेरे लिए उचित है।
इसके अतिरिक्त मेरे जीवन में मेरे लिए यह अनिवार्य है क्योंकि में कई लोगो की जिंदगी का भविष्य लिए हुए हूँ और उनमें से एक खुद मेरा भविष्य भी है।
मेरी कमजोरिया मुझे अच्छी हाउस वाइफ या रीजनल गर्ल नही बनने दे सकती ।मेरी दक्षता गृह्यकार्य और पढ़ाई को लेकर देखु तो पढ़ाई में ज्यादा अच्छी है।
अतः मुझे पड़ना है और एक अधिकारी बनना है हर हाल मैं.... और ये बनने की लिये मुझे जितना भी मेन्टल पैन ,फिजिकल पैन या कुछ भी और सहना पड़े में तैयार हूँ।
में यह कर सकती हूं मुझे खुद पर विश्वास है।।
में जरूर करूँगी।।
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धन्यवाद
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