मध्यप्रदेश के प्रमुख किले FORT OF MADHYA PRADESH

मध्यप्रदेश के प्रमुख किले  :- मध्यप्रदेश विभिन्न राजाओं के राजवाड़ा का केंद्र रहा है जिन्होंने अपने निवास हेतु एवं अपने जीवन व्यापन व सुरक्षा के लिए अनेक किलो के निर्माण करवाएं जिसका वर्णन इस प्रकार है 

1 ग्वालियर दुर्ग :-
➤ग्वालियर दुर्ग का निर्माण राजा सूरज सेन द्वारा 525 ईसवी के आसपास करवाया गया।
➤इस किले की विशालता और सुदृढ़ता के कारण इसे भारत के किलो का सिरमौर (Gibraltar of India) कहा जाता है । 
यह दुर्ग उत्तर भारत के इतिहास में विशेष महत्व रखता है।
 ग्वालियर के विशाल पहाड़ी दुर्ग में 5 द्वार है :-आलम गिरी- दरवाजा हिंडोला दरवाजा -गुजरी महल दरवाजा- भरतरी दरवाजा -हाथीपोड़ दरवाजा ।
इस दुर्ग के अन्य दर्शनीय स्थलों में बादल महल, चतुर्भुज मंदिर, गुजरी महल, सास बहू का मंदिर, विष्णु मंदिर, तेली का मंदिर हे ।
 दुर्ग में स्थित मान मंदिर और गुजरी महल राजा मानसिंह तोमर के द्वारा बनवाया गया था।
 ग्वालियर दुर्ग में उन राजवंशों की स्मृतियां सुरक्षित है जिन्होंने यहां पर राज किया और समय के गर्त में समा गए।
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भी ग्वालियर किले ने महत्वपूर्ण योगदान दिया ।

2 धार का किला :- 
➤मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में धार जिला स्थित है जहां पर धार शहर में एक छोटी सी पहाड़ी पर यह किला निर्मित है 
➤इस किले का निर्माण 1344 ई. में सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक के द्वारा करवाया गया था 
➤ सन 1732 ई.  में मराठा पवार नरेशों  ने इस किले  पर आधिपत्य कर लिया
➤ इस किले में ही देवी कालिका जी का मंदिर वह अब्दुल्लाह शाह  का मकबरा है
➤ इस किले का सर्वाधिक प्राचीन स्थल खरबूजा महल है 
➤ पेशवा बाजीराव का जन्म इसी किले  में हुआ था 

3 असीरगढ़ का किला:- 
➤असीरगढ़ का किला बुरहानपुर जिले में स्थित है
➤यह किला एक पहाड़ी पर निर्मित है जिसका निर्माण आशा नामक अहिर राजा ने करवाया था
➤ इस किले के अंदर आशा देवी की प्रतिमा और मंदिर स्थित है। 
➤ इस किले को अभेद  कहा जाता है जिसका अर्थ है किले को भेदा न  जा सके । 
➤इस किले को प्राचीन  समय में गुजरात महाराष्ट्र दक्षिण का उत्तरी आक्रमणों से बचाने के लिए द्वार समझा जाता था 
यही कारण है कि असीरगढ़ के किले को दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है 
➤अकबर का अंतिम विजय अभियान असीरगढ़ के किले में ही था 
➤इस किले में ही मुमताज के प्रसव एवं उनकी मृत्यु की घटना भी हुई थी
➤ इस प्रकार अनेक इतिहास की घटनाओं का साक्षी रहा है  

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4 गिन्नोरगढ़ का किला :- 
➤ स्थिति - भोपाल से 60 किलोमीटर गिन्नोर क्षेत्र में एक पहाड़ी पर  
➤ निर्माण - 13वी शताब्दी में राजा उदयवर्धन द्वारा  
➤ विशेषता - किले के निकटवर्ती क्षेत्र में शुक अर्थात तोते का स्थल है जो पुरे भारत में प्रसिद्ध है  
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5 बांधवगढ़ का किला :- 
बांधवगढ का किला भारत के मध्यप्रदेश राज्य में हैं जो उमरिया जिला और शहडोल संभाग में आता हैं। 
➤ निर्माण - 14 वी शताब्दी में राजा विक्रमादित्य द्वारा 
➤ सन 1597 को अकबर ने पालदास को इस किले पर विजय के लिए भेजा तथा उसे इस किले को भेदने में 8 महीने का समय लगा 

6 रायसेन का किला :- 
➤स्थिति - जिला रायसेन 
➤निर्माण - 16 वी शताब्दी में राजा राज बसंती द्वारा 
➤विशेषता - यह किला सेन्य्य द्रष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण किला है 
➤इस किले में राजमहल , बादलमहल , राजा रोहित महल ,तथा इत्रदार महल है 
➤यहाँ लक्ष्मीनारायण मंदिर स्थित है 
➤इस महल के अन्दर 40 कूए और 4 तालाब है 


7 चंदेरी का किला :-
➤स्थिति - अशोकनगर जिले के चंदेरी क्षेत्र में 
➤यह किला बेतवा नदी के किनारे स्थित है 
➤निर्माण 11 वी शताब्दी में  प्रतिहार नरेश राजा कीर्तिपाल द्वारा 
➤इस दुर्ग में जोहर कुंड , हवामहल , नोखंडा महल , खुनी दरवाजा आदि दर्शनीय स्थल स्थित है
➤बाबर के आक्रमण के समय 800 राजपूत रानियों ने प्रज्वल्लित अग्निकुंड  में जोहर किया 

8 अजयगढ़ का किला :-
➤ स्थिति - पन्ना जिले में अजयगढ़ नामक स्थान पर  
निर्माण - राजा अजयपाल द्वारा 
➤ विशेष - राजा अमन का महल 

9 दतिया का किला :-
➤स्थिति दतिया जिला 

10 नरवर का किला :-
➤ स्थिति शिवपुरी जिला 

11 मंदसोर का किला :-
➤स्थिति मंदसोर जिला 

12 मंडला का किला :-
➤स्थिति मंडला जिला 

13 ओरछा का किला :-
➤स्थिति - प्राचीन टीकमगढ़  / वर्तमान निवाड़ी जिला  (मध्यप्रदेश का नविन 52वा जिला )



मध्यप्रदेश के किलो सम्बन्धी अन्य महत्वपूर्ण जानकारीया आपको निचे दिए गयो चित्रों के माध्यम से मिलेगी  जिन्हें आप अपनी परीक्षा में उपयोग कर अच्छे अंक अर्जित कर सकते है  \ 



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