कवक एवं इसके प्रकार । FUNGUS UNIT-7

कवक एवं कवक के प्रकार 

◼ कवक एक प्रकार के जीव हैं जो अपना भोजन सड़े गले मृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं। ये संसार के प्रारम्भ से ही जगत में उपस्थित हैं। इनका सबसे बड़ा लाभ इनका संसार में अपमार्जक के रूप में कार्य करना है। इनके द्वारा जगत में से कचरा हटा दिया जाता है

◼ कवक की जातियों की संख्या लगभग 80 से 90 हजार तक है। संभवत: कवक सबसे अधिक व्यापक हैं। जलीय कवक में एकलाया (Achlaya), सैप्रोलेग्निया (Saprolegnia), मिट्टी में पाए जानेवाले म्यूकर (Mucor), पेनिसिलियम (Penicillium), एस्परजिलस (Aspergillus), फ़्यूज़ेरियम (Fusarium) आदि; लकड़ी पर पाए जानेवाले मेरूलियस लैक्रिमैंस (Merulius lachrymans); गोबर पर उगनेवाले पाइलोबोलस (Pilobolus) तथा सॉरडेरिया (Sordaria); वसा में उगनेवाले यूरोटियम (Eurotium) और पेनिसिलियम की जातियाँ हैं।

◼ विभिन्न कवकों के लिए विभिन्न खाद्य सामग्री की आवश्यकता होती है। कुछ कवक सर्वभोजी होते हैं तथा किसी भी कार्बनिक पदार्थ से अपना भोजन प्राप्त कर सकते हैं, जैसे ऐस्परजिलस (Aspergillus) और पेनिसिलियम। अन्य कवक अपने भोजन में विशेष दुस्तोष्य होते हैं। कुछ सदा पराश्रयी के पोषण के लिए जीवित प्रोटोप्लाज़्म की ही नहीं वरन् किसी विशेष जाति के आधार की भी आवश्यकता होती हैं।




◼ ये वायु तथा अन्य जीवों के शरीर के भीतर या उनके ऊपर भी पाए जाते हैं।

◼ अधिकांश कवक के तंतु रंगहीन होते हैं, किंतु कुछ में ये विभिन्न रंगों से रँगे होते हैं।

यह एक बहुकोशिकीय एवं गैर-प्रकाश संश्लेषण पौधा है। 

◼ यह एककोशिकीय या बहुत जटिल बहुकोशिकीय जीव हो सकते हैं।

◼ कम नमी और कम pH वातावरण में बढ़ने में सक्षम और उनका इष्टतम तापमान 20 से 30°C के मध्य होता है।

◼ यह ब्रेड, अचार, चमड़े और कपड़ों पर उग सकता है।

◼ ये लगभग सभी आवास में पाए जाते हैं, परन्तु अधिकांश समुद्र या ताजे जल के बजाय भूमि पर, मुख्य रूप से मिट्टी में या पौधों की सामग्री पर रहते हैं।

◼ डीकंपोजर नामक एक समूह मिट्टी में या मृत पौधों पर उगता है जहां वे कार्बन और अन्य तत्वों के चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

◼ कुछ पौधों के परजीवी हैं जो फफूंदी, जंग, पपड़ी या केंकर जैसी बीमारियाँ उत्पन्न करते हैं।

◼ फसलों में फफूंद जनित रोगों से किसान को काफी आर्थिक नुकसान हो सकता है। बहुत कम संख्या में कवक पशुओं में बीमारियाँ उत्पन्न करते हैं।

◼ मनुष्यों में, इनमें एथलीट फुट, दाद , खाज एवं खुजली  और भ्रश जैसे त्वचा रोग शामिल हैं। 

कवक के प्रकार

◼ कवक जीवों का एक विशाल समुदाय है जिसे साधारणतया वनस्पतियों में वर्गीकृत किया जाता है।

◼ कवक को उनके जीवन चक्र, उनके फलने वाले शरीर की उपस्थिति या संरचना, और उनके द्वारा उत्पादित बीजाणुओं (प्रजनन या वितर कोशिकाओं) की व्यवस्था और प्रकार के आधार पर उप-विभाजित किया जाता है।

कवक के तीन प्रमुख समूह हैं:

◼ बहुकोशिकीय फिलामेंटस साँचे।

◼ मैक्रोस्कोपिक फिलामेंटस कवक जो बड़े फलने वाले पिंड बनाते हैं। कभी-कभी समूह को 'मशरूम' के रूप में संदर्भित किया जाता है, ले मशरूम कवक का सिर्फ एक हिस्सा है जिसे हम जमीन के ऊपर देखते हैं जिसे फलने वाले शरीर के रूप में भी जाना जाता है।

◼ यह एककोशिकीय सूक्ष्म यीस्ट है।


Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form