विश्व धरोहर स्थल
भारत की सांस्कृतिक विरासत - कला प्रारूप (MPPSC UNIT-1)
मध्यप्रदेश में विश्व धरोहर स्थल (UNIT-2)
मध्यप्रदेश के सन्दर्भ में विशेष तथ्यों को बताया गया , इस पेज को पूरा पढ़ें ।
1.ताजमहल
🔵अधिसूचित वर्ष 1983
⭐राज्य आगरा, उत्तर प्रदेश
➤भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा , और विश्व के 8 अजूबों में से एक है। इसका निर्माण 17वीं सदी में मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था।
➤इसका निर्माण सन् 1648 के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है। ताजमहल के निर्माण में लगभग 22 वर्षों का समय लगा।
2.आगरा का किला
🔵अधिसूचित वर्ष 1983
⭐राज्य आगरा, उत्तर प्रदेश
➤इसका प्रथम विवरण 1080 ई० में आता है, जब महमूद गजनवी की सेना ने इस पर कब्ज़ा किया था। सिकंदर लोदी (1487-1517), दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान था जिसने आगरा की यात्रा की तथा इसने इस किले की मरम्म्त 1504 ई० में करवायी । उसने अपने काल में यहां कई स्थान, मस्जिदें व कुएं बनवाये।
➤सन 1530 में यहीं हुमायुं का राजतिलक भी हुआ। हुमायुं इसी वर्ष बिलग्राम में शेरशाह सूरी से हार गया व किले पर उसका कब्ज़ा हो गया। इस किले पर अफगानों का कब्ज़ा पांच वर्षों तक रहा, जिन्हें अन्ततः मुगलों ने 1556 में पानीपत का द्वितीय युद्ध में हरा दिया ।
3.एलोरा गुफाएं
🔵अधिसूचित वर्ष 1983
⭐राज्य महाराष्ट्र
➤इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। अपनी स्मारक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध, एलोरा युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है।.
➤एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का सार है, यहाँ 34 "गुफ़ाएँ" हैं जो असल में एक ऊर्ध्वाधर खड़ी चरणाद्रि पर्वत का एक फ़लक है। इसमें हिन्दू, बौद्ध और जैन गुफा मन्दिर बने हैं। ये पाँचवीं और दसवीं शताब्दी में बने थे। यहाँ 12 बौद्ध गुफाएँ (1-12), 17 हिन्दू गुफाएँ (13-29) और 5 जैन गुफाएँ (30-34) हैं। ये सभी आस-पास बनीं हैं और अपने निर्माण काल की धार्मिक सौहार्द को दर्शाती हैं।
4.अजंता गुफाएं
🔵अधिसूचित वर्ष 1983
⭐राज्य महाराष्ट्र
➤अजन्ता गुफाएँ महाराष्ट्र, भारत में स्थित तकरीबन 29 चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ जो द्वितीय शताब्दी ई॰पू॰ के हैं। यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं।इनके साथ ही सजीव चित्रण भी मिलते हैं।
5.सूर्य मंदिर
🔵अधिसूचित वर्ष 1984
⭐राज्य ओड़ीसा
6.महाबलीपुरम में स्मारकों का समूह
🔵अधिसूचित वर्ष 1984
⭐राज्य तमिलनाडू
7.काजीरंगा नेशनल पार्क
🔵अधिसूचित वर्ष 1985
⭐राज्य असम
8.केवलादेव नेशनल पार्क
🔵अधिसूचित वर्ष 1985
⭐राज्य राजस्थान
9.मानस वन्यजीव अभयारण्य
🔵अधिसूचित वर्ष 1985
⭐राज्य असम
10.गोवा के चर्च और कॉन्वेंट
🔵अधिसूचित वर्ष 1986
⭐राज्य गोवा
11.खजुराहो स्मारकों का समूह
🔵अधिसूचित वर्ष 1986
⭐राज्य मध्यप्रदेश
➤खजुराहो स्मारक समूह, भारत के मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित हिंदू और जैन मंदिरों का एक समूह है. यह समूह, झांसी से लगभग 175 किलोमीटर दूर है. खजुराहो स्मारक समूह को 1986 से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.
➤खजुराहो स्मारक समूह में लगभग 25 मंदिर हैं. ये मंदिर, उनकी दिशा के हिसाब से बांटा गया है: पश्चिमी मंदिर समूह, पूर्वी मंदिर समूह और दक्षिणी मंदिर समूह. ये मंदिर समूह हिन्दू देवी-देवताओं और जैन संप्रदाय दोनों को समर्पित हैं.
➤खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के राजपूत शासकों द्वारा करवाया गया था. इन शासकों ने 10वीं से 13वीं शताब्दी ईस्वी तक मध्य भारत पर शासन किया था. खजुराहो के मंदिर, अपनी नागर स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध हैं. यह समूह, अपनी कामुक मूर्तियों के लिए भी प्रसिद्ध है.
➤खजुराहो स्मारक समूह की यूनेस्को साइट, अपनी नागर शैली की वास्तुकला और नायिकाओं (हिंदू पौराणिक महिला नायक) और देवताओं की सुंदर मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है.
12.हम्पी में स्मारकों का समूह
🔵अधिसूचित वर्ष 1986
⭐राज्य कर्नाटक
13.फतेहपुर सीकरी
🔵अधिसूचित वर्ष 1986
⭐राज्य आगरा उत्तरप्रदेश
14.एलिफेंटा गुफाएं
🔵अधिसूचित वर्ष 1987
⭐राज्य महाराष्ट्र
15.ग्रेट लिविंग चोल मंदिर 13
🔵अधिसूचित वर्ष 1987
⭐राज्य तमिलनाडू
16.पट्टडकल में स्मारकों का समूह
🔵अधिसूचित वर्ष 1987
⭐राज्य कर्नाटक
17.सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान
🔵अधिसूचित वर्ष 1987
⭐राज्य बंगाल
18.नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
🔵अधिसूचित वर्ष 1988
⭐राज्य पश्चिम बंगाल
19.सांची में बौद्ध स्मारक
🔵अधिसूचित वर्ष 1989
⭐राज्य मध्यप्रदेश
➤एक ब्रिटिश अधिकारी जनरल टेलर पहले ज्ञात इतिहासकार थे, इन्होंने सन 1818 में, सांची के स्तूप का अस्तित्व दर्ज किया।
➤साँची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन ज़िले में साँची नगर के पास एक पहाड़ी पर स्थित एक छोटा सा गांव है।
➤सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक महान ने तीसरी शती, ई.पू. में बनवाया था। बाद में इस सांची के स्तूप को सम्राट अग्निमित्र शुंग जीर्णोद्धार करके और बड़ा और विशाल बना दिया ।
➤इसके केन्द्र में एक अर्धगोलाकार ईंट निर्मित ढांचा था, जिसमें भगवान बुद्ध के कुछ अवशेष रखे थे। इसके शिखर पर स्मारक को दिये गये ऊंचे सम्मान का प्रतीक रूपी एक छत्र था।
➤तोरण एवं परिक्रमा 70 ई.पू. के पश्चात बने थे और सातवाहन वंश द्वारा निर्मित प्रतीत होते हैं।
20.हुमायुं का मकबरा,
🔵अधिसूचित वर्ष 1993
⭐राज्य दिल्ली
21.कुतुब मीनार और उसके स्मारक,
🔵अधिसूचित वर्ष 1993
⭐राज्य दिल्ली
22.भारत के पर्वतीय रेलवे
🔵अधिसूचित वर्ष 1999
⭐राज्य दार्जिलिंग(पश्चिम बंगाल),
➤कालका शिमला (हिमाचल प्रदेश),
➤नीलगिरि (तमिलनाडु)
23.बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर
🔵अधिसूचित वर्ष 2002
⭐राज्य बिहार
24.भीमबेटका के रॉक शेल्टर
🔵अधिसूचित वर्ष 2003
⭐राज्य मध्यप्रदेश
➤यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं।
➤भीमबेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त 1990 में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।
➤यहाँ 600 शैलाश्रय हैं जिनमें 275 शैलाश्रय चित्रों द्वारा सज्जित हैं। पूर्व पाषाण काल से मध्य ऐतिहासिक काल तक यह स्थान मानव गतिविधियों का केंद्र रहा।
25.छत्रपति शिवाजी टर्मिनल(पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनल)
🔵अधिसूचित वर्ष 2004
⭐राज्य महाराष्ट्र
26.चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क
🔵अधिसूचित वर्ष 2004
⭐राज्य गुजरात
27.लाल किला परिसर
🔵अधिसूचित वर्ष 2007
⭐राज्य दिल्ली
28.जंतर मंतर, जयपुर
🔵अधिसूचित वर्ष 2010
⭐राज्य दिल्ली
29.पश्चिमी घाट
🔵अधिसूचित वर्ष 2012
⭐राज्य कर्नाटक, केरल,तमिलनाडु,महाराष्ट्र
30.राजस्थान के पहाड़ी किले
🔵अधिसूचित वर्ष 2013
⭐राज्य राजस्थान
31.पाटन, गुजरात में रानी-की-वाव (रानी की बावड़ी)
🔵अधिसूचित वर्ष 2014
⭐राज्य गुजरात
32.महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान
🔵अधिसूचित वर्ष 2014
⭐राज्य हिमाचल प्रदेश
33.नालंदा, बिहार में नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल
🔵अधिसूचित वर्ष 2016
⭐राज्य बिहार
34.कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान
🔵अधिसूचित वर्ष 2016
⭐राज्य सिक्किम
35.ले कोर्बुज़िए का वास्तुशिल्प कार्य,
🔵अधिसूचित वर्ष 2016
⭐राज्य चंडीगढ़
36.अहमदाबाद ऐतिहासिक शहर
अधिसूचित वर्ष 2017
⭐राज्य अहमदाबाद
37.मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेम्बल
🔵अधिसूचित वर्ष 2018
⭐राज्य मुंबई
38.जयपुर शहर, राजस्थान
🔵अधिसूचित वर्ष 2019
⭐राज्य जयपुर
39.काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना
🔵अधिसूचित वर्ष 2021
⭐राज्य तेलंगाना
40.धोलावीरा: एक हड़प्पा शहर
🔵अधिसूचित वर्ष 2021
⭐राज्य गुजरात
➤इसकी खोज वर्ष 1968 में पुरातत्त्वविद् जगतपति जोशी द्वारा की गई थी।
➤धोलावीरा, गुजरात में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है. यह हड़प्पा काल का शहर है. धोलावीरा को 27 जुलाई, 2021 को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. यह भारत का 40वां विश्व धरोहर स्थल है।
➤धोलावीरा, सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है. यह कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में खादिरबेट में स्थित है. यह गांव राधनपुर से 165 किलोमीटर दूर है।
➤धोलावीरा, कर्क रेखा पर स्थित है. यह कच्छ के महान रण में कच्छ रेगिस्तान वन्यजीव अभयारण्य में खादिर बेट द्वीप पर स्थित है. अन्य हड़प्पा पूर्वगामी शहरों के विपरीत, जो आमतौर पर नदियों और जल के बारहमासी स्रोतों के पास स्थित हैं, धौलावीरा खादिर बेट द्वीप पर स्थित है ।
➤धोलावीरा के लोगों ने घर के निर्माण के लिए मिट्टी की ईंट की जगह पत्थर की ईंट का इस्तेमाल किया. क्षेत्र के लोगों द्वारा मिट्टी के बर्तन और आभूषण बनाए जाते थे।
➤यहाँ पाए गए कलाकृतियों में टेराकोटा मिट्टी के बर्तन, मोती, सोने और तांबे के गहने, मुहरें, मछलीकृत हुक, जानवरों की मूर्तियाँ, उपकरण, कलश एवं कुछ महत्त्वपूर्ण बर्तन शामिल हैं।
➤हड़प्पा, मोहन जोदडो, गनेरीवाला, राखीगढ, धोलावीरा तथा लोथल ये छः पुराने महानगर पुरातन संस्कृति के नगर है। जिसमें धोलावीरा और लोथल भारत में स्थित है। इस जगह का खनन पुरातत्त्व विभाग के डॉ॰ आर. एस. बिस्त ने किया था।
41.शांतिनिकेतन
🔵अधिसूचित वर्ष 2023
⭐राज्य पश्चिम बंगाल
➤हाल ही में शांतिनिकेतन, जो पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में स्थित है, को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था।
➤नोबेल पुरस्कार विजयी कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्बारा विश्व-भारती विश्वविद्यालय की स्थापना के कारण यह नगर प्रसिद्ध हो गया। यह स्थान पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि टैगोर ने यहाँ कई कालजयी साहित्यिक कृतियों का सृजन किया।
➤वर्ष 1915 में रबींद्रनाथ टैगोर को ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया।
42.होयसल के पवित्र मंदिर समूह
🔵अधिसूचित वर्ष 2023
⭐राज्य कर्नाटक
➤कर्नाटक के तीन जगहों पर स्थित होयसल के पवित्र मंदिर समूह को साल 2022 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. ये मंदिर 12वीं-13वीं शताब्दी में बनाए गए थे. ये मंदिर होयसल राजवंश के दौरान बने थे. होयसल राजवंश कला और साहित्य का संरक्षक माना जाता था
➤इसका निर्माण होयसल राजा विष्णुवर्धन ने 1116 ई. में चोलों पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में करवाया था।
➤यह एक तारे के आकार का मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है और बेलूर में मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर है।