मध्यप्रदेश में यातायात
सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन के कार्य को गति प्रदान की जा रही है जिसके कारण राज्य में नए उद्योगों की स्थापना , पर्यटन स्थल पर पर्यटकों के आने की संख्या में वृद्धि के साथ साथ व्यापार को भी बढ़ावा मिल रहा है इससे स्पष्ट होता है कि परिवहन व्यवस्था का राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान होता है ,किंतु प्रदेश में यातायात के विकास के समक्ष अनेक समस्याएं भी विद्यमान है जो कि निम्नलिखित है ।
मध्यप्रदेश में यातायात की प्रमुख समस्याएं
1:- वित्त की समस्या:- यातायात विकास में सबसे बड़ी समस्या वित्त की है पर्याप्त वित्त के अभाव की वजह से यातायात परियोजनाएं सुचारु रुप से संचालित नहीं हो पाती है तथा कई परियोजनाएं अधूरी रह जाती है ।
2:-उच्च स्तरीय तकनीकी का अभाव:- मध्यप्रदेश के यातायात के विकास मार्ग में उच्च स्तरीय तकनीकी का अभाव भी है जिस वजह से उच्च स्तर की सड़कें या परिवहन के लिए अन्य आधारभूत संरचना का विकास सुचारू रूप से नहीं हो पाता है और कई परियोजनाएं काफी समय तक लंबित रह जाती है या मानकों में खरी नहीं उतरती है ।
3:- कार्य की धीमी गति :- मध्यप्रदेश में यातायात विकास के मार्ग में कार्य की अत्यधिक धीमी गति भी एक बड़ी समस्या है कई बार सड़कों के निर्माण या ब्रिज के निर्माण में 3 से 4 गुना ज्यादा समय लग जाता है जिससे ना केवल प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है बल्कि विकास की गति भी मंद हो जाती है ।
4:-कानूनी कठिनाइयां:- अत्यधिक कानूनी कठिनाइयों के कारण भी यातायात विकास प्रभावित होता है राष्ट्रीय राजमार्गों रेल मार्गो तथा वायु यान में राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार का हस्तक्षेप भी रहता है रेलवे के विकास में रेल विभाग अपने अनुसार कार्य करता है जिसमें राज्य सरकार का हस्तक्षेप नाम मात्र रहता है यही कारण है कि प्रोजेक्ट पूरा होने में वर्षों लग जाते हैं तथा इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में राज्य और केंद्र सरकार के बीच कानूनी पेचिदियों की वजह से टकराव की स्थिति बनी रहती है जो कि विकास में बाधक है ।
5:- भ्रष्टाचार:- भ्रष्टाचार रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद भी यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है जो किसी भी विकास योजना को उसके लक्ष्य तक पहुंचाने के मार्ग में एक बड़ी बाधा है इस वजह से यातायात परियोजना का विकास अवरुद्ध होता है तथा उसके गुणात्मक स्वरूप में कमी आती है।
इसके अलावा यातायात विकास के निर्माण में शासकीय विभाग में समन्वय की कमी प्रशासनिक मशीनरी का ढुलमुल रवैया जनभागीदारी का अभाव आदि ऐसी अनेक समस्या विद्यमान है जो प्रदेश के यातायात विकास को बाधित करती है अतः यह आवश्यक हो गया है कि उपरोक्त सभी समस्याओं का निराकरण प्रभावी तरीके से अपना कर इन योजनाओं को गति प्रदान की जाए जिससे प्रदेश का विकास दिन दुगना रात चौगुनी उन्नति हो सके ।
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