भारत में शहरीकरण एवं समस्या संपूर्ण विशेष जानकारी । MPPSC

भारत में शहरीकरण

भारत में तीव्र गति से शहरीकरण हो रहा है 2011 की जनगणना के अनुसार 31.2% जनसंख्या शहरों में निवास करती है 
भारत में शहरीकरण दो प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है ⇉

1.प्रशासनिक परिभाषा➤ जो शहरी स्थानीय निवासी जैसे:- नगर निगम ,नगर परिषद ,नगर पालिका, अधिसूचित नगर समिति द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में रहने वाली जनसंख्या पर विचार करती है । 
इसके अनुसार 2011 की जनगणना में 26% भाग शहरी था ।

2.जनगणना की परिभाषा➤ के अनुसार सांविधिक शहरों वह जनगणना शहरों में रहने वाली जनसंख्या शहरी जनसंख्या कहलाती है उनमें उन क्षेत्रों को सम्मिलित किया जाता है जिनमें 5000 की जनसंख्या न्यूनतम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर घनत्व एवं 75% जनसंख्या गैर कृषि कार्य में संलग्न  हो 


भारत में शहरीकरण से उपजी समस्या 

शहरीकरण विकास का सूचक अवश्य है किंतु शहरीकरण द्वारा निम्नलिखित समस्याएं भी उत्पन्न होती है ।

1.पर्यावरणीय समस्या 
तीव्र शहरीकरण से पर्यावरण का बहुत अधिक नुकसान हुआ है कारखानों एवं मोटर गाड़ियों से निकलने वाले धुएं वायु प्रदूषण एवं दूषित जल तथा रासायनिक तत्वों के जल में मिलने से जल प्रदूषण आदि की समस्या होती है साथ ही शहरीकरण में पेड़ों और जंगलों का विकास तथा प्रकृति का दोहन बढ़ने से पर्यावरण की समस्या में तीव्रता से वृद्धि होती है ।

2.झुग्गी बस्तियों की उपस्थिति एवं उनकी समस्याएं 
शहरीकरण की प्रक्रिया से शहर दो भागों में विभाजित हो रहे हैं जिसमें एक चमकता है जबकि दूसरी ओर मलिन बस्तियों का बढ़ता जाना जिससे निम्न स्तरीय जीवन स्तर एवं बुनियादी सुविधाओं का अभाव बड़ी समस्या है ऐसे क्षेत्रों में लोग नगरी जीवन जीने के लिए तरस रहे हैं दूसरी और अपराध में वृद्धि हो रही है बिजली ,पानी ,सड़क ,शौचालय, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाएं कम होने से समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।

3.कचरा निपटान एवं सीवरेज की समस्या 
जनसंख्या के अधिक होने से यहां कचरा भी अधिक होता है बढ़ती आबादी से कचरा निपटान एवं सीवरेज की समस्या में वृद्धि हुई है हमारे यहां कचरा निपटान के विज्ञानिक तरीके ना होने से इन क्षेत्रों में पर्यावरण निम्नीकरण की समस्या उत्पन्न हो गई है ।

4.बाधित जलापूर्ति 
शहरों में जल उपलब्धता कम होने के कारण जल की आपूर्ति बाधित होती है उद्योग क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति की मांग तथा बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण पीने के पानी की समस्या गर्मियों में विकराल रूप धारण कर लेती है तथा समस्या शहरों में बनी ही रहती है ।

5.क्षेत्रीय समानता 
शहरीकरण क्षेत्रीय असमानता का जनक होता है शहरों में सुविधाओं एवं रोजगार के चलते इनका तेजी से विकास हो रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा कम होने के साथ ही कुछ क्षेत्रों में शहरों का अधिक विकास हुआ है तो कुछ क्षेत्रों में बिल्कुल कम यही कारण है कि शहरीकरण को क्षेत्रीय असमानता का जनक माना जाता है ।

6.अपर्याप्त रहवासी सुविधाएं 
आवा शहरों में सबसे बड़ी समस्या है छोटे-छोटे घरों में रहते हुए लोग निम्न स्तरीय समस्याओं से जूझते हैं भारत में शहरी क्षेत्रों में आवा समस्याओं के साथ यातायात साधनों बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि है ।

7.ग्रामों से शहरों की ओर पलायन
बढ़ते शहरीकरण से लोग शहरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा ग्रामीण जनसंख्या शहरों की ओर पलायन करने को आतुर है । जिससे बुनियादी सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता नहीं हो पाएगी तथा बेरोजगारी अधिक बढ़ेगी ।

8.दोषपूर्ण शहरी नियोजन 
भारत के शहरों में नियोजन दोषपूर्ण समस्या जिसके कारण आवा सीवरेज ,कचरा प्रबंधन ,पानी समस्या आदि बनी रहती है इन सब कारणों से वर्षा ऋतु में पानी भरा रहता है जिससे औद्योगिक एवं रहवासी क्षेत्रों में नियमित गतिविधियां प्रभावित होती है प्राकृतिक आपदा के समय सबसे अधिक नुकसान दोषपूर्ण नियोजन के कारण ही होते हैं ।




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