प्रवर्जन , कारण एवं समाधान । सम्पूर्ण तथ्यात्मक जानकारी । ECONOMICS

प्रवर्जन 

जनसँख्या के किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसने की प्रक्रिया को प्रवर्जन कहते है । प्रवर्जन का लोगो में कुछ दुरी को तय करना तथा उनके आवास में स्थानांतरण अनिवार्य है । जन्मदर तथा मृत्यदर के बाद प्रवर्जन जनसँख्या वृद्धि एवं कमी को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारण है  । 

प्रवर्जन के कारण
1.अभिप्रेरणा के आधार पर
➤आर्थिक 
➤सामाजिक

2.काल के आधार पर
दीर्घ 
अल्प 
स्थाई 
अस्थाई 
मौसमी 
दैनिक

3.देश के आधार पर
अंतर महाद्वीपीय 
अंतरराष्ट्रीय 
अंतर प्रांतीय 
स्थानीय

4.सामाजिक संगठन के आधार पर 
व्यक्तिगत 
पारिवारिक 
सामुदायिक

5.दूरी के आधार पर 
लंबी 
कम

प्रवर्जन के कारण➠ 
वर्तमान समय में भारत एवं अन्य विकासशील देशों के लोग रोजगार एवं उच्च जीवन स्तर के कारण बड़ी संख्या में पश्चिमी देशों की और प्रवर्जन कर रहे हैं । 
वर्ष 1947 में भारत विभाजन के परिणाम स्वरूप लाखों की संख्या में हिंदू , सिख , मुसलमान का प्रवर्जन हुआ ।
1960 के दशक में पंजाब , हरियाणा , उत्तर प्रदेश हरित क्रांति के परिणाम स्वरूप कई हजार लोगों का प्रवर्जन हुआ ।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग उच्च जीवन स्तर , आधुनिक सुविधाएं तथा चकाचौंध के प्रति आकर्षित होते हैं प्राय: सुरक्षा व्यवस्था की कमी , क्रय शक्ति की अनियमितता , जातिगत भेदभाव आदि के कारण भी गांव से शहरों में प्रवर्जन होता है ।
विकसित देशों में भारी भीड़ भाड़ , पर्यावरण प्रदूषण तथा महंगी जीवन पद्धति से छुटकारा पाने के लिए नगर के लोग ग्रामीण क्षेत्र में प्रवर्जन करते हैं ।
भारत में कई लोग मौसमी प्रवचन करते हैं उत्तरी भारत में गन्ने की फसल तैयार होते ही कई मजदूर चीनी मिलों में मौसमी प्रवर्जन करते हैं। 

सूखा , बाढ़ , नदी मार्ग में परिवर्तन , भूकंप , ज्वालामुखी उद्गार , मिट्टी की उपजाऊ शक्ति आदि के कारण भी प्रवर्जन होता है ।


प्रवजन के समाधान➠
प्रवर्जन के कारण रोजगार , निम्न जीवन स्तर , धार्मिक संघर्ष , क्षेत्रीय असंतुलन , गरीबी , जाति प्रथा , छुआछूत , दोषपूर्ण सरकार की नीति आदि मानी जाती है ।
वस्तुतः सामाजिक दृष्टिकोण से प्रवर्जन को दूर करने के लिए सामंतवादी सोच के साथ ही साथ जाति प्रथा , शोषण उत्पीड़न और सुरक्षा आदि को जड़ से खत्म किए जाने पर बल दिया जाना चाहिए ।
ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा की व्यवस्था करना , भूमिहीन श्रमिकों के लिए विशेष कार्यक्रम चलाना , आवास व चिकित्सा की सुविधा इत्यादि पर बल दिया जाना ।
भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो जहां पर्वती क्षेत्र हैं वहां विकास कार्यक्रम अति आवश्यक है सूखा बाढ़ आदि क्षेत्रों में नदी जोड़ो कार्यक्रम चलाना चाहिए , क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए औद्योगिकरण पर बल दिया जाना चाहिए । 
आर्थिक क्षेत्र में गरीबी , बेरोजगारी , भूखमरी देश के एक बड़ी समस्या है तथा सरकार को इन क्षेत्रों में सुधार करना चाहिए जिससे प्रवर्जन में कमी आएगी ।




इन्हें भी पढ़ें 









नमस्कार साथियों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे टिपण्णी के माध्यम से अवश्य बताये यह विशेष पाठ्यक्रम अपने साथियों के साथ भी अवश्य साझा करें और प्रतिदिन मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग से जुड़ीं जानकारी पाने के लिए और अपने ज्ञान के माध्यम से अपने लक्ष्य को एक नयी दिशा देने के लिए इस वेबसाइट से जुड़े रहें 



हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े और पाए प्रतिदिन कुछ नया





दोस्तों ऐसी ही रोचक और ज्ञानपूर्ण बातें सिखने के लिए हमारे इस पेज को फॉलो जरूर करें |
मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग के लिए प्रयासरत विद्यार्थी इस पेज से जरूर जुड़ें रहें |
इस पेज पर आपको प्रतिदिन MAINS EXAM  के उत्तर मिलेंगे | दोस्तों इस पेज को फॉलो करे और इससे जुड़े रहें | आपका दिन शुभ हो | 


Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form